आज का पंचांग | 15 मई 2025, गुरुवार

हिंदू पंचांग के अनुसार, आज ज्येष्ठ माह के कृष्ण पक्ष की तृतीया तिथि है। यह दिन आध्यात्मिक दृष्टि से विशेष महत्व रखता है क्योंकि आज ज्येष्ठा नक्षत्र और शिव योग का शुभ संयोग है। यह संयोग साधना, व्रत और शिव पूजन के लिए अत्यंत शुभ माना गया है।


🕉️ पंचांग के पाँच अंग:

  1. तिथि: कृष्ण पक्ष तृतीया
  2. वार: गुरुवार
  3. नक्षत्र: ज्येष्ठा नक्षत्र (दोपहर 2:07 बजे तक)
  4. योग: शिव योग (सुबह 7:02 बजे तक), फिर सिद्ध योग
  5. करण: वणिज (3:18 PM तक), फिर विष्टि

🌒 चंद्र और सूर्य की स्थिति

  • चंद्रमा: वृश्चिक राशि में (2:07 PM तक), फिर धनु राशि
  • सूर्य: वृषभ राशि
  • सूर्योदय: 05:30 AM
  • सूर्यास्त: 07:05 PM
  • चंद्रोदय: 09:47 PM
  • चंद्रास्त: 06:58 AM

शुभ मुहूर्त:

  • ब्रह्म मुहूर्त: 04:07 AM – 04:49 AM
  • अभिजीत मुहूर्त: 11:50 AM – 12:45 PM
  • विजय मुहूर्त: 02:33 PM – 03:28 PM
  • गोधूलि मुहूर्त: 07:04 PM – 07:25 PM
  • निशीथ काल: 11:57 PM – 12:38 AM (16 मई)

🚫 अशुभ समय (राहुकाल और अन्य):

  • राहुकाल: 01:59 PM – 03:41 PM
  • यमगंड: 05:30 AM – 07:12 AM
  • गुलिक काल: 08:54 AM – 10:36 AM
  • दुर्मुहूर्त: 10:02 AM – 10:56 AM
  • वर्ज्यम: 10:47 PM – 12:31 AM (16 मई)
  • भद्रा काल: 03:18 PM – 04:02 AM (16 मई)
  • गंड मूल योग: संपूर्ण दिन

🔯 विशेष योग और घटनाएं:

  • वृषभ संक्रांति – सूर्य का वृषभ राशि में प्रवेश
  • शिव योग – शुभ कर्म, व्रत, यज्ञ, शिव पूजा हेतु अनुकूल
  • विन्चूडो काल: 05:30 AM – 02:07 PM (इस समय नए कार्य से बचें)
  • मृत्यु बाण योग: 01:15 AM (16 मई) से संपूर्ण रात्रि

🌼 धार्मिक महत्व:

आज का दिन शिव उपासकों के लिए विशेष है। शिव योग और गुरुवार का संयोग गुरु और शिव साधना के लिए अत्यंत पुण्यदायक है। व्रत करने वाले जातक शिव अभिषेक कर सकते हैं और विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ करना भी शुभ रहेगा।

ज्येष्ठा नक्षत्र के स्वामी इन्द्र हैं, अतः आज इन्द्र देवता और वर्षा के लिए भी प्रार्थना की जा सकती है।


🛕 क्या करें आज?

  • जल अर्पण करें और बेलपत्र से शिव पूजन करें
  • जरूरतमंदों को जल, फल और वस्त्र का दान करें
  • राहुकाल और भद्रा काल में कोई नया कार्य आरंभ न करें
  • ब्रह्म मुहूर्त में ध्यान, जप और पाठ करें

🔚 उपसंहार:

15 मई 2025 का दिन आध्यात्मिक दृष्टि से श्रेष्ठ है। शिव योग, ज्येष्ठा नक्षत्र और वृषभ संक्रांति जैसे शुभ संयोग इसे विशिष्ट बनाते हैं। जो लोग जीवन में शांति, सफलता और उन्नति चाहते हैं, उनके लिए यह दिन सत्कर्म और साधना का श्रेष्ठ अवसर है।


🔔 शुभ दिन की मंगलकामनाएं!

हर हर महादेव! 🔱

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