हनुमान जी की आरती
लेखक: Shree Hindu Team | अंतिम अपडेट: 10 अप्रैल 2025
🙏 श्री हनुमान जी की आरती – सम्पूर्ण पाठ हिंदी में
बजरंगबली को समर्पित यह आरती भक्तों के लिए विशेष लाभदायक मानी जाती है। हर मंगलवार और शनिवार को इस आरती का पाठ करने से भय दूर होता है और आत्मबल में वृद्धि होती है।
🌺 आरती: श्री हनुमान जी की
आरती कीजै हनुमान लला की। दुष्ट दलन रघुनाथ कला की॥ जाके बल से गिरिवर काँपे। रोग-दोष जाके निकट न झाँके॥ अंजनि पुत्र महा बलदायी। संतन के प्रभु सदा सहाई॥ दे बीरा रघुनाथ पठाए। लंका जारि सिया सुधि लाए॥ लंका सो कोट समुद्र-सी खाई। जात पवनसुत बार न लाई॥ लंकिनी को मारे मुख माहीं। जलadhi लाँघि गए रघुराई॥ पिठ पर धारी लाए सियाजी। जन्म सफल करि लीन्ही आजी॥ सरजा अंजनि सुत बलवाना। संकट मोचन नाम कहलाना॥ आरती कीजै हनुमान लला की। दुष्ट दलन रघुनाथ कला की॥
📌 कब और कैसे करें यह आरती?
- हर मंगलवार और शनिवार को सुबह या संध्या के समय करें।
- साफ स्थान पर दीपक जलाएं और श्री हनुमान जी की मूर्ति या चित्र के सामने बैठें।
- आरती के बाद हनुमान चालीसा या राम नाम जप करें।