वट सावित्री व्रत 2025: पूजा विधि, कथा और परंपराएं
Vat Savitri Vrat हिन्दू महिलाओं द्वारा अपने पति की लंबी उम्र और सुखद वैवाहिक जीवन के लिए रखा जाने वाला एक पवित्र व्रत है। वट सावित्री व्रत 2025 इस बार 27 मई 2025, मंगलवार को मनाया जाएगा।

वट सावित्री व्रत का महत्व
इस दिन महिलाएं वट (बरगद) वृक्ष की पूजा करती हैं और सावित्री-सत्यवान की कथा सुनती हैं। यह व्रत पौराणिक कथा पर आधारित है जिसमें सावित्री ने अपने तप और भक्ति से अपने पति सत्यवान के प्राण यमराज से वापस लिए थे।
Vat Savitri Puja Vidhi (पूजा विधि)
- सुबह स्नान कर साफ कपड़े पहनें।
- व्रत का संकल्प लें।
- बरगद के पेड़ के नीचे पूजा की सामग्री रखें।
- सावित्री और सत्यवान की मूर्ति/चित्र स्थापित करें।
- हल्दी, कुमकुम, फूल, मिठाई से पूजा करें।
- सूत्र (धागा) से पेड़ को 7 या 21 बार लपेटें।
- व्रत कथा सुनें और आरती करें।
व्रत में मेहंदी लगाने की परंपरा
व्रत के दिन महिलाएं अपने हाथों में मेहंदी लगाती हैं। मेहंदी सुहाग का प्रतीक मानी जाती है और यह दिन उनकी सुंदरता व पवित्रता को दर्शाता है।
वट सावित्री माता की आरती
पतिव्रता का रूप तुम्हारा, सबने पूजन पाया॥
बरगद की तुम पूजा करवाती, सुख-संपत्ति बरसाती।
सत्यवान को जीवन देकर, भक्ति का मार्ग दिखाती॥
सुहागनें सब व्रत रखतीं, प्रेम-भक्ति से पूजन करतीं।
सौभाग्य की तू देवी, सब पर कृपा तू करती॥
दूध-चावल का भोग लगाएं, धागा पेड़ पर लपेटें।
आरती गा के वंदन करें, तेरे चरणों में प्रेम समेटें॥
ओम जय सावित्री माता, जय वट वृक्ष की माया।
पतिव्रता का रूप तुम्हारा, सबने पूजन पाया॥
FAQs: वट सावित्री व्रत के सामान्य प्रश्न
1. क्या कुंवारी लड़कियां वट सावित्री व्रत रख सकती हैं?
जी हां, वे अपने भावी जीवनसाथी के लिए यह व्रत रख सकती हैं।
2. व्रत के दौरान क्या खाएं?
पूरे दिन व्रत रखकर महिलाएं शाम को फल या दूध ले सकती हैं, या अगले दिन पारण करती हैं।
3. व्रत कथा कौन सी है?
यह सावित्री और सत्यवान की कथा है, जिसमें सावित्री ने यमराज से अपने पति के प्राण वापस लिए।
निष्कर्ष
Vat Savitri नारी शक्ति और प्रेम का प्रतीक है। वट सावित्री व्रत 2025 को श्रद्धा से मनाएं और अपने वैवाहिक जीवन को सुख, शांति और समृद्धि से भरें।