ganesh ji aarti

श्री गणेश जी आरती | Jai Ganesh Deva Aarti

🙏 श्री गणेश आरती 🙏

जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा॥

एक दंत दयावंत, चार भुजा धारी।
माथे सिंदूर सोहे, मूसे की सवारी॥

जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा॥

पान चढ़े फल चढ़े, और चढ़े मेवा।
लड्डुअन का भोग लगे, संत करें सेवा॥

जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा॥

अंधन को आंख देत, कोढ़िन को काया।
बांझन को पुत्र देत, निर्धन को माया॥

जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा॥

‘सूर’ श्याम शरण आए, सफल कीजे सेवा।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा॥

जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा॥

दीनन की लाज रखो, शंभु सुतकारी।
कामना को पूर्ण करो, जाऊं बलिहारी॥

जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा॥

यहाँ गणेश आरती के लिए कुछ सामान्य प्रश्न (FAQ) दिए गए हैं:

1. गणेश आरती क्या है?

गणेश आरती एक भक्ति गीत है जो भगवान गणेश की महिमा और आराधना के लिए गाया जाता है। यह मुख्य रूप से गणेश चतुर्थी के दौरान गाई जाती है, लेकिन भक्त इसे रोज़ भी अपने घरों में या मंदिरों में भगवान गणेश की कृपा प्राप्त करने के लिए गाते हैं।

2. गणेश आरती कब की जाती है?

गणेश आरती आमतौर पर गणेश चतुर्थी के दौरान की जाती है, जो भगवान गणेश का प्रमुख त्यौहार है। इसके अलावा, जब भी कोई नया कार्य शुरू किया जाता है या कोई चुनौती सामने आती है, तब भी गणेश आरती का पाठ किया जा सकता है।

3. गणेश आरती का महत्व क्या है?

गणेश आरती का महत्व भगवान गणेश की कृपा प्राप्त करने के लिए है। यह आरती जीवन के अड़चनों को दूर करने, अच्छे स्वास्थ्य, समृद्धि और सफलता की प्राप्ति के लिए होती है। यह एक भक्ति भाव से की जाती है, जो भगवान गणेश से आशीर्वाद प्राप्त करने का एक साधन है।

4. गणेश आरती में कितने पद होते हैं?

गणेश आरती के लोकप्रिय संस्करण में कई पद होते हैं। इसमें “जय गणेश जय गणेश” का पुनरावृत्ति होता है और भगवान गणेश के रूप, गुण, और उनके आशीर्वादों का वर्णन किया जाता है। सबसे आम संस्करण में यह पद होते हैं, जो भक्तों द्वारा गाए जाते हैं।

5. क्या कोई भी गणेश आरती गा सकता है?

जी हां, कोई भी गणेश आरती गा सकता है, चाहे उसकी उम्र कुछ भी हो या उसकी पृष्ठभूमि कोई भी हो। यह एक सार्वभौमिक प्रार्थना है, जिसे भक्त अपने घरों, मंदिरों या सामूहिक पूजा में गाते हैं। इसे किसी भी भाषा में गाया जा सकता है, हालांकि पारंपरिक रूप से यह हिंदी में होती है।

6. गणेश आरती कैसे की जाती है?

गणेश आरती को करने के लिए आमतौर पर:
एक दीपक या अगरबत्ती जलाना।
भगवान गणेश को फूल या मिठाई अर्पित करना।
आरती को आवाज़ में गाना या पाठ करना।
दीपक को घुमाते हुए आरती करना।
अंत में भगवान गणेश से आशीर्वाद प्राप्त करना।*

अनुराधा जी पौडवाल की मधुर आवाज़ में “जय गणेश जय गणेश देवा” आरती देखें और सुनें।

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